सूर्य-केतु युति 2025: सिंह राशि में विशेष योग और राशियों पर इसका प्रभाव

सूर्य और केतु की यह युति सिंह राशि में 17 अगस्त से 17 सितंबर 2025 तक होगी। इसका ज्योतिषीय दृष्टिकोण से बड़ा गहरा असर होता है। यह युति आत्मा (सूर्य) और करमों के रहस्य, भ्रम व मोक्षकारक ग्रह (केतु) को जोड़ती है, और जब ये सिंह राशि में मिलते हैं, तो गौरव, सत्ता, अहंकार और आत्मचिंतन के क्षेत्रों में बड़ी उथल-पुथल आती है। सिंह राशि सूर्य की स्वराशि है, वहीं केतु एक छायाग्रह है जो आत्मा, परिपक्वता, रहस्य, पूर्वजन्म, आध्यात्म और वियोग का प्रतीक है। इस युति को “ग्रहण योग” भी कहा जाता है, जो मानसिक द्वंद्व, आत्मसंघर्ष, नेतृत्व संकट और अहंविवेक को जन्म दे सकती है।
इस समय लोग अपने अस्तित्व, लक्ष्य, और अहम को लेकर सोचेंगे। पिता और उच्च अधिकारियों से मतभेद संभव है। राजनीतिक, प्रशासनिक क्षेत्रों में भ्रम और अस्थिरता भी पैदा हो सकती हैं।
जानिए 12 राशियों पर असर, उपाय –
मेष राशि
सूर्य और केतु की युति आपके पंचम भाव में हो रही है, जो संतान, बुद्धि और रचनात्मकता का प्रतीक है। इस समय आप अपनी निर्णायक क्षमता को लेकर थोड़े असमंजस में रह सकते हैं। पढ़ाई में एकाग्रता में कमी आ सकती है, विषय बार-बार बदलने का मन करेगा। संतान को लेकर चिंता या दूरी की स्थिति बन सकती है। प्रेम संबंधों में भ्रम और खटास उत्पन्न हो सकती है। रचनात्मक क्षेत्रों में कार्यरत लोगों को प्रेरणा के लिए आत्मचिंतन करना पड़ेगा।
उपाय – प्रतिदिन गायत्री मंत्र का जाप करें और गुरुवार को पीले वस्त्र व हल्दी का दान करें।
वृषभ राशि
यह युति आपके चौथे भाव में होगी जो माता, सुख और स्थायित्व से जुड़ा है। इस दौरान घर का वातावरण थोड़ा अस्थिर हो सकता है, माता के स्वास्थ्य में गिरावट की संभावना है या उनसे मतभेद हो सकते हैं। घर में मनमुटाव और असहमति से मानसिक अशांति हो सकती है। जमीन-जायदाद से जुड़े मामलों में रुकावटें आ सकती हैं और भावनात्मक स्थिरता बनाए रखना कठिन हो सकता है।
उपाय -दुर्गा सप्तशती का पाठ करें और मिट्टी के दीपक में तिल का तेल जलाकर मां दुर्गा को समर्पित करें।
मिथुन राशि
सूर्य और केतु की यह युति आपके तीसरे भाव में हो रही है, जो साहस, संवाद और भाई-बहनों से संबंधित है। यह समय आपको अधिक बोल्ड बना सकता है लेकिन साथ ही निर्णयों में जल्दबाज़ी और स्वार्थ की प्रवृत्ति आपके रिश्तों को बिगाड़ सकती है। भाई-बहनों के साथ मतभेद हो सकते हैं, और आपके विचार तीव्र लेकिन असंवेदनशील हो सकते हैं। मीडिया या संचार से जुड़े लोगों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
उपाय – मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें और भाई-बहनों को मिठाई खिलाएं।
कर्क राशि
यह युति आपके दूसरे भाव में हो रही है, जो वाणी, परिवार और धन का प्रतिनिधित्व करता है। आपकी वाणी में कटुता या कठोरता आ सकती है, जिससे पारिवारिक रिश्तों में खटास आ सकती है। अचानक से व्यय बढ़ सकते हैं और धनहानि की आशंका भी बनी रहेगी। पारिवारिक जिम्मेदारियों का भार बढ़ेगा और पुराना कोई विवाद फिर से सामने आ सकता है।
उपाय -श्रीसूक्त का पाठ करें और शुक्रवार को गाय को मीठी रोटी खिलाएं।
सिंह राशि
सूर्य और केतु की युति आपकी ही राशि यानी प्रथम भाव में हो रही है, जिससे आत्ममंथन की तीव्र प्रक्रिया शुरू हो सकती है। आप अपनी पहचान, व्यक्तित्व और जीवन के उद्देश्यों को लेकर भ्रमित महसूस कर सकते हैं। आत्मविश्वास में कमी और स्वाभिमान को लेकर द्वंद्व की स्थिति बन सकती है। शरीर में विशेषतः आंख, सिर और पैरों से संबंधित परेशानियाँ हो सकती हैं।
उपाय -सूर्य अष्टक का पाठ करें और प्रतिदिन तांबे के लोटे से सूर्य को जल अर्पित करें।
कन्या राशि
यह युति आपके बारहवें भाव में होगी, जो व्यय, विदेश और मोक्ष से जुड़ा है। मानसिक थकावट, बेचैनी और अलगाव की भावना रह सकती है। अनावश्यक खर्चों से आर्थिक संतुलन बिगड़ सकता है और विदेश यात्रा या विदेश से जुड़े कार्यों में बाधाएं आ सकती हैं। यह समय आत्मिक शांति पाने और ध्यान-साधना की ओर बढ़ने के लिए अनुकूल रहेगा।
उपाय – प्रतिदिन महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें और रात में ध्यान करें।
तुला राशि
सूर्य और केतु की युति आपके एकादश भाव में हो रही है, जो लाभ, मित्रों और आकांक्षाओं से जुड़ा है। इस समय आपकी उम्मीदें कुछ भ्रमित हो सकती हैं, और मित्रों से धोखा या दूरी की संभावना भी बनी रहेगी। आपको अपने लक्ष्यों को लेकर स्पष्टता बनाए रखनी होगी क्योंकि इस समय आप गलत सलाह या लालच में फँस सकते हैं। निवेश करने से पहले दो बार सोचें और टीमवर्क में किसी भी प्रकार की ग़लतफ़हमी से बचें।
उपाय – शुक्रवार को सुगंधित इत्र का दान करें और गरीब कन्याओं को चूड़ियां भेंट करें।
वृश्चिक राशि
यह युति आपके दशम भाव में होगी, जो कर्म, प्रतिष्ठा और करियर से जुड़ा होता है। कार्यक्षेत्र में किसी प्रकार की छवि को लेकर गलतफहमी उत्पन्न हो सकती है। वरिष्ठ अधिकारियों से संबंधों में तनाव आ सकता है या आपकी नीयत पर संदेह हो सकता है। आपको अपने काम में पारदर्शिता और धैर्य बनाए रखना होगा। सत्ता या प्रशासन से जुड़े कार्यों में अड़चन आ सकती है।
उपाय – मंगलवार को भैरव बाबा को नारियल चढ़ाएं और रोज़ शनि स्तोत्र का पाठ करें।
धनु राशि
सूर्य-केतु की युति आपके नवम भाव में हो रही है, जो धर्म, गुरु और भाग्य का स्थान है। यह समय आपको अपने विश्वासों और विचारधारा को लेकर संशय में डाल सकता है। किसी धार्मिक या उच्च शिक्षा से जुड़े कार्य में अवरोध आ सकता है। गुरु या पिता से वैचारिक मतभेद हो सकते हैं। भाग्य पर अत्यधिक निर्भर रहना हानिकारक होगा, कर्म पर ध्यान दें।
उपाय – गुरुवार को पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं और बृहस्पति स्तोत्र का पाठ करें।
मकर राशि
यह युति आपके अष्टम भाव में होगी, जो रहस्य, शोध, आकस्मिक घटनाओं और गूढ़ ज्ञान का भाव है। यह समय मानसिक रूप से आपको परेशान कर सकता है और अचानक से कोई राज़ उजागर हो सकता है। पारिवारिक या वैवाहिक जीवन में छुपे हुए मुद्दे सतह पर आ सकते हैं। स्वास्थ्य में गुप्त रोग या पुराने रोग उभर सकते हैं।
उपाय – शनिवार को काली उड़द का दान करें और हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाएं।
कुंभ राशि
सूर्य और केतु की युति आपके सप्तम भाव में हो रही है, जो विवाह, साझेदारी और सार्वजनिक संबंधों का क्षेत्र है। इस समय वैवाहिक जीवन में दूरी, गलतफहमियाँ या अलगाव जैसी स्थितियाँ बन सकती हैं। व्यापारिक साझेदारी में धोखा या मनभेद संभव है। आपको दूसरों के दृष्टिकोण को समझने और धैर्य से काम लेने की आवश्यकता होगी।
उपाय – बुधवार को तुलसी के पौधे में जल चढ़ाएं और ऊँ नमः शिवाय का जाप करें।
मीन राशि
यह युति आपके षष्ठम भाव में हो रही है, जो रोग, ऋण और शत्रु का भाव है। यह समय आपको मानसिक रूप से थका सकता है और शत्रुओं से गुप्त रूप से संघर्ष की स्थिति बन सकती है। स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं विशेषकर पाचन या रक्तचाप से जुड़ी हो सकती हैं। कार्यस्थल पर प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी लेकिन आप शांत रहकर जीत सकते हैं।
उपाय – मंगलवार को हनुमान मंदिर में लाल फूल चढ़ाएं और प्रतिदिन विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।